Last modified on 28 जनवरी 2009, at 13:19

सब-कुछ तैयार है हमारे लिए / रुस्तम

धूप लौट रही है
स्वच्छ ओस की बूँदें
फिर चमकने लगी हैं
शान्त पेड़ों की चोटियों पर।
प्रसन्नमुख प्रेमी जोड़े
घंटों झुके बैठे रहते हैं
लाल ईंटों के चबूतरे पर
गर्म कॉफ़ी के प्यालों पर।

सब-कुछ तैयार है हमारे लिए
बस अब तुम्हारा लौटना बाक़ी है
उस अगम्य प्रदेश से
जिसने लील लिया है तुम्हें।