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समकक्ष / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / ओक्ताविओ पाज़

मेरी देह में
तुम खोजती हो पर्वत
इसके वन में दफ़न
सूरज के लिए।

तुम्हारी देह में
मैं खोजता हूँ वह नाव
भटकी जो आधी रात में।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’