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सात कविताएं-3 / लोग ही चुनेंगे रंग
Kavita Kosh से
चाँद से अनगिनत इच्छाएँ साझी करता हूँ
चाँद ने मेरी बातें बहुत पहले सुन ली हैं
फिर भी कहता हूँ
और चाँद का हाथ
अपने बालों में अनुभव करता हूँ
चाँद ने कागज़ कलम बढ़ाते हुए
कविताएँ लिखने को कहा है
साइरन बज रहा है.