भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सादगी / ग्योर्गोस सेफ़ेरिस

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं कुछ और नहीं चाहता
सादे ढंग से कहना
चाहता हूँ बात
सादगी पसन्द हूँ मैं

पर हम एक साधारण से गीत में भी
भर देते हैं इतना संगीत
वह धसक जाता है
वह डूब जाता है
धीरे-धीरे