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साहब का गीत / पवन करण
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साहब आए साहब आए
रूतबा गुस्सा साथ में लाए
रात-दिना है करी पढ़ार्इ
तब जाकर यह कुर्सी पार्इ
कोर्इ इनको नहीं सताए
साहब आए साहब आए
नहीं किसी की बात सुनेंगे
नहीं किसी का काम करेंगे
कोर्इ न इनको काम बताए
साहब आए साहब आए
खाना खाने घर जाएँगे
खाकर खाना सो जाएँगे
कोर्इ इनको नहीं जगाए
साहब आए साहब आए
काजू बरफ़ी घर आएँगे
बीबी बच्चे जब चाहेंगे
कोर्इ खाली हाथ न जाए
साहब आए साहब आए
मोटर गाड़ी खूब चलेगी
पार्टी पिकनिक खूब मनेगी
कोर्इ इन पे बात न आए
साहब आए साहब आए