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सितारों से आगे जहाँ और भी हैं / इक़बाल

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सितारों के आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़<ref>प्रेम</ref> के इम्तिहाँ<ref>परीक्षाएँ</ref> और भी हैं

तही ज़िन्दगी से नहीं ये फ़ज़ायें
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं

क़ना'अत<ref>संतोष </ref>न कर आलम-ए-रंग-ओ-बू<ref> इन्द्रीय संसार</ref>पर
चमन और भी, आशियाँ<ref> घरौंदे</ref>और भी हैं

अगर खो गया एक नशेमन तो क्या ग़म
मक़ामात-ए-आह-ओ-फ़ुग़ाँ<ref> रोने-धोने की जगहें</ref>और भी हैं

तू शाहीं<ref>गरुड़ , उक़ाब</ref>है परवाज़<ref>उड़ान भरना</ref>है काम तेरा
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं

इसी रोज़-ओ-शब <ref> सुबह -शाम के चक्कर</ref>में उलझ कर न रह जा
के तेरे ज़मीन-ओ-मकाँ <ref> धरती और मकान</ref>और भी हैं

गए दिन के तन्हा था मैं अंजुमन <ref> महफ़िल</ref>में
यहाँ अब मेरे राज़दाँ <ref> रहस्य जानने वाले</ref>और भी हैं

शब्दार्थ
<references/>