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सुनिये विटप प्रभु सुमन तिहारे हम / अनीस
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सुनिये विटप प्रभु सुमन तिहारे हम ,
राखिहौ हमै तो सोभा रावरी बढ़ाय हैँ ।
तजिहौ हरखि कै तो बिलगु न मानै कछू,
जहाँ जहाँ जैहैँ तहाँ दूनो जस छाय हैँ ।
सुरन चढ़ैगेँ नर सिरन चढ़ैगेँ बर ,
सुकवि अनीस हाट बाट मेँ बिकाय हैँ ।
देस मे रहैंगे परदेस मे रहैँगे ,
काहू बेस मे रहैँगे तऊ रावरे कहाय हैँ ।
अनीस का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।