भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सुबह मेरी है / ब्लेज़ सान्द्रार / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
पौने छह बजे हैं सुबह के
सूरज जग गया है
हवा बह रही है तेज़ बहुत
सुबह नौ बजे तक डेक मेरा ही है ।
मल्लाह
ऊपरवाले डेक की सफ़ाई कर रहे हैं
लहरों का उछाल बढ़ता जा रहा है
हम ब्राज़ील के एक जहाज़ के
पीछे चलने लगते हैं
आकाश में डोलने लगती है
एक सफ़ेद-काली चिड़िया
कुछ सवारियाँ, कुछ औरतें
डेक पर निकल आती हैं
समुद्री हवा से बचाव करते हुए
अपने चेहरों को ढक लेती हैं हथेलियों से ।
उनके साथ हैं छोटी-छोटी बच्चियाँ
पकड़ रखे हैं जिन्होंने अपनी माँओं के घाघरे ।
मैं अपने कूप में उतर जाता हूँ
और काम करना
शुरू कर देता हूँ ।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय