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स्कूल / गिरीश पंकज
Kavita Kosh से
आँखों का तारा स्कूल,
अपना तो न्यारा स्कूल ।
ज्ञान बाँटता बच्चों को नित,
कभी नहीं हारा स्कूल ।
छुट्टी के दिन रहे अकेला,
हाँ, तब बेचारा स्कूल ।
जैसे मां को मैं प्यारा हूँ,
मुझको है प्यारा स्कूल ।
आँखों का तारा स्कूल ।
अपना तो न्यारा स्कूल ।