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स्कूल / मोहिनी सिंह
Kavita Kosh से
मोरल साइंस की किताब में
झूठी कहानियाँ होती है
ये मुझे मोरल साइंस पढ़ने के
पहले से पता था।
विज्ञान के एक्सपेरिमेंट का रिजल्ट मुझे
करने से पहले से पता था
पहले से जानती थी मैं कि इतिहास में
किसे महान लिखना है
और देशों राज्यों धर्मों का अस्तित्व
सबकुछ अंदर गढ़ा जा चुका था
और जानते थे ये सब मेरे साथ के तमाम बच्चे ।
पर हमें अनजान बने रहना था
अपनी जानकारी से।
इसलिए हमें दी गई
नई जिल्द में पुरानी बातें
हम चकित होते रहे
सामान्य बातों पर
और रहे सामान्य
चकित होने वाली चीजों पर।
सरल को जटिल कर सुलझाते रहे
और जटिल को सरलता से नकार गए।
चंद चीजों को कई वर्षों तक
दुहराते रहे
नामो, तारीखों, अंकों, घटनाओं की
फेहरिस्त बढ़ाते रहे
कुछ नया सीखने को बच्चे
स्कूल जाते रहे।