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स्त्रियाँ / मल्लिका अमर शेख़ / सुनीता डागा

स्त्रियों के पैदा होने का समय
ठीक-ठाक नहीं बता सकता है कोई
उनके पति
इतिहास के ज्ञाता
या जीवाश्म
क्योंकि किसी भी तड़ित् या पाषाण में
नहीं मिलती है उनकी पुरातन निशानियाँ

वे बहुत-बहुत-बहुत पुरानी हैं
और अभी तक गुफ़ा में ही रहती हैं
इतना ही जानते हैं लोग
अब कैसे यह क्या पूछना हुआ ?
क्या बीच-बीच में गुफ़ा से
हिंस्र दहाड़ नहीं सुनाई देती है ?

मूल मराठी से अनुवाद : सुनीता डागा