भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हमारी सारी बातों पर / जय गोस्वामी
Kavita Kosh से
जो एतराज कर रहा है, उसे बुलाओ
जिसने सहमति नहीं दी है, उसे बुलाओ
बुलाओ उसे, जो अभी तक चुप है
आए यहाँ,
आकर सबके सामने 'हाँ' करे
हाँ करे, हाँ करे, हाँ कहे हमारी बातों पर
हमारी सारी बातों पर
हमारी सारी बातों पर
हे सुशील नागरिक-जन, जान लें
इस लोकतांत्रिक देश में आज
हमारी सारी बातों पर
हाँ करना ही आपका एकमात्र फ़र्ज़ है।
बांग्ला से अनुवाद : संजय भारती