भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हाइकु 12 / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
बध रैयो है
रावण अहंकार
लुटसी लंका
प्रगटा रैया
पारदर्सिता इसी
पर्दा-ई-पर्दा
साईजम है
लोकतंत्र रा हाथी
दबै जनता