फळ-फूल‘र
रूंखड़ा भुलाय दै
बीज रो त्याग
मरू-ताप सूं
काळा है तन, पण
मन-ऊजळा
गोरी कंवळी
मरूथळ री रेत
मा रै मन ज्यूं
फळ-फूल‘र
रूंखड़ा भुलाय दै
बीज रो त्याग
मरू-ताप सूं
काळा है तन, पण
मन-ऊजळा
गोरी कंवळी
मरूथळ री रेत
मा रै मन ज्यूं