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हालात / अम्बिका दत्त

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मैंने सोचा कभी न था - अभी तक
कि इन हालात से गुजरना होगा/हमें

मैं तो सिर्फ गिनता रहा
खाली खेत में चरती
सफेद भेड़ो को
कपास के जिन्दा पौधों की शकल में

वक्त इस तरह बदला
कि आदमी से उसका नाम पूछो
वो, कमीज उठाकर
अपना पेट दिखा देता है।