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हीरो बन गए / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
आज हुआ फुटबाल मैच तो,
मच्छरजी जी भरकर खेले।
थे कप्तान आज टोली के,
टोली के संग दौड़ लगाई।
जहाँ मिली फुटबाल उन्हें तो,
किक कसकर, भरपूर जमाई।
कीपर मक्खी रही देखती।
जाकर गोल दनादन पेले।
जहाँ विरोधी दल में तितली,
मधुमक्खी से ठोस खिलाड़ी।
भाग रहे थे बाल छीनकर,
जैसे सुपर फास्ट हो गाड़ी।
केप्टीन थे भौंरे दादा,
थे मज़बूत बहुत, सब चेले।
लेकिन भन-भन-भन-भन करते,
मच्छरराम बढ़े ही जाते।
उन्हें झट्ट से चित कर देते,
जो भी उनके आड़े आते।
चार गोल से जीत दिलाकर,
हीरो बन गए छैल छबीले।