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हॉलो मेन / टी० एस० एलियट / आशीष बिहानी

मिस्टा कुर्त्ज़ ... ही डेड
ए पैनी फॉर दि ओल्ड गाय

१.

हम खोखले हैं
हम स्थूल हैं
झुके हुए
भूसे से भरे सिर ---
हमारी बंजर आवाज़ें,
एकजुट फुसफुसाहटें,
निस्तब्ध और बेमतलब हैं
जैसे सूखी घास में हवा
या तहख़ाने में टूटे काँच पर चूहे के पैर

रूपहीन आकृतियाँ
बेरँग छायाएँ
पँगु बल
बगैर हिले-डुले इशारे

तुम, जो हेडीज़ का दरिया पार कर पहुँच गए
मौत के दूसरे लोक, निर्निमेष ऑंखें लिए
हमें याद रखना, अगर हो सके,
बहकी-भटकी हिंसक रूहों की तरह नहीं, बस
खोखले लोगों की तरह
स्थूल लोगों की तरह ।

२.


आँखें, जिनमें झाँकने की ज़ुर्रत मैं ख्व़ाब में भी नहीं करता,
मौत के उस ख़्वाबीदा लोक में
ये नहीं दिखतीं ।
वहाँ आँखें हैं जैसे,
टूटे खम्भों पर सूरज की रोशनी
वहाँ, एक पेड़ है झूलता
और हवा के गीतों में हैं आवाज़ें
दूर और अकेली
किसी बुझते सितारे से भी ज़्यादा

और क़रीब नहीं जाना
मौत के ख़्वाबीदा लोक में
ओढ़ लेना है
ऐसा समझा-बूझा स्वाँग
छछून्दर की खाल, कौवे का खोल, आर-पार लट्ठ
किसी खेत में
ठीक हवा की तरह
और क़रीब नहीं ---

साँझ के धुन्धले लोक में
वो आख़िरी मुलाक़ात नहीं

३.

यह वह निर्जीव धरती है
काँटों-लदी धरती है
यहाँ पथरीले बिम्ब खड़े हैं
जो यहाँ मरे हुओं की गिड़गिड़ाहटें गिनते हैं
बुझते सितारे की दमक तले

क्या ऐसा होता है
मौत के उस लोक में
अकेले जागना
ऐसे वक़्त में
जब हम करुणा भरे काँप रहें हों
ओंठ, जो चुम्बन लेते हैं,
कहते हैं टूटे बुतों को प्रार्थनाएँ

४.

वो ऑंखें यहाँ नहीं हैं
कोई ऑंखें नहीं हैं यहाँ
मरते सितारों की इस घाटी में
इस खोखली घाटी में
हमारी खोई दुनियाओं का ये टूटा जबड़ा

मुलाक़ातों के इस आख़िरी पड़ाव में
एक साथ हम हाथ मारते हैं
चुपचाप
इस उफनती नदी के किनारे

दृष्टिहीन
जब तक वो ऑंखें लौट न आएँ
जैसे कभी न बुझने वाला सितारा
मौत की धुन्धली दुनिया का
बहुत सी पत्तियों वाला गुलाब
रिक्त मानवों की
अकेली उम्मीद

५.

यहाँ हम नागफनी के चारों ओर नाचते हैं
नागफनी, नागफनी
नागफनी के चारों ओर नाचते हैं
अल-सुबह पाँच बजे

ख़याल और यथार्थ के बीच
चेष्टा और अमल के बीच
छाया पड़ी है
             तुम्हीं हो माता, पिता....

संकल्पना और सृजन के बीच
भाव और उत्तर के बीच
छाया पड़ी है

जीवन बहुत लम्बा है

चाहत और आलोड़न के बीच
सम्भावना और अस्तित्व के बीच
सार और उत्पत्ति के बीच
छाया पड़ी है
             तुम्हीं हो माता, पिता....
    
तुम्हीं हो
जीवन
तुम्हीं हो माता
   
विश्व ऐसे नष्ट होता है
विश्व ऐसे नष्ट होता है !
विश्व ऐसे नष्ट होता है !!
धमाके के साथ नहीं, एक ढुलमुल कराह के साथ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : आशीष बिहानी