रेगिस्तान की भी
होती है
एक सीमा
ऊँट जिसे रोज़ नापता है
समुद्र अपने हाथ
कितने भी फैलाये
किनारों के पार
नहीं जा सकता
रेगिस्तान और समुद्र
ज़मीन सत्य से
हमेशा हुए हैं
पराजित
रेगिस्तान की भी
होती है
एक सीमा
ऊँट जिसे रोज़ नापता है
समुद्र अपने हाथ
कितने भी फैलाये
किनारों के पार
नहीं जा सकता
रेगिस्तान और समुद्र
ज़मीन सत्य से
हमेशा हुए हैं
पराजित