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हो सकता है मैंने गिराया हो / मुइसेर येनिया
Kavita Kosh से
वहाँ, उस बास्केट में रखा है
मेरा टहलना
बचपन
वह कवच जिसे तुमने अपने ही भीतर बिखेर दिया था
वहां चॉकलेट हैं पृथ्वी की
पृथ्वी खुद एक चॉकलेट है
यह पिघलती है, चिपक जाती है तुम्हारे
पैरों के इर्द-गिर्द
पहुँच जाती है तमाम तरह से
तमाम सड़कों तक
बचपन की
एक पेड़ अपनी सभी शाखाओं के साथ अपनी जगह पर खड़ा है
पर मेरा बचपन कहाँ है ?