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मैं / अंजना बख्शी
Kavita Kosh से
मैं क़ैद हूँ
औरत की परिभाषा में
मैं क़ैद हूँ
अपने ही बनाए रिश्तों और
संबंधों के मकड़जाल में।
मैं क़ैद हूँ
कोख की बंद क्यारी में।
मैं क़ैद हूँ
माँ के अपनत्व में।
मैं क़ैद हूँ
पति के निजत्व में
और
मैं क़ैद हूँ
अपने ही स्वामित्व में।
मैं क़ैद हूँ
अपने ही में।