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"अंकुर-1 / इब्बार रब्बी" के अवतरणों में अंतर

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अंकुर जब सिर उठाता है
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19:27, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

अंकुर जब सिर उठाता है
ज़मीन की छत फोड़ गिराता है
वह जब अंधेरे में अंगड़ाता है
मिट्टी का कलेजा फट जाता है
हरी छतरियों की तन जाती है कतार
छापामारों के दस्ते सज जाते हैं
पाँत के पाँत
नई हो या पुरानी
वह हर ज़मीन काटता है
हरा सिर हिलाता है
नन्हा धड़ तानता है
अंकुर आशा का रंग जमाता है।

रचनाकाल : 02.02.1979