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अेक सौ इग्यारै / प्रमोद कुमार शर्मा

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खुलै जणै सबद
घणमोलो दरदमंद हुवै
-छंद हुवै
बीं री बातां मांय बड़कुलियै बरगा
जका होळिका-दहन में तपै है
अर हिरण्यकश्यपु रै राज मांय
विष्णु-विष्णु जपै है

अैड़ो सबद अराधूं
-तो आनंद हुवै
खुलै जणै सबद
घणमोलो दरदमंद हुवै।