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एक जार्जियाई दोस्त की मृत्यु पर / येव्गेनी येव्तुशेंको

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जुम्बेरता बेताश्वीली की स्मृति में

मैंने दोस्त खो दिया
और आप देश की बात करते हैं
मेरा बन्धु खो गया
और आप जनता की चर्चा कर रहे हैं
मुझे नहीं चाहिए वह देश,जहाँ हर चीज़ की कीमत है
मुझे नहीं चाहिए वह जनता, जो आज़ाद होकर भी ग़ुलाम है
मेरा दोस्त खो गया, और खो गया मैं भी
हमने खो दिया वह जो देश से अधिक है
अब आसान नहीं होगा
हमें हमारी आवाज़ों से पहचानना
तो कोने में गोली एक छूटती है
तो रॉकेटों का रुदन सुनाई देता है

मैं थोड़ा-सा वह था
और वह थोड़ा-सा मैं
उसने मुझे कभी बेचा नहीं और मैंने भी उसे
देश हमेशा दोस्त नहीं होता
वह मेरा देश था
जनता बेवफ़ा दोस्त होती है
वह मेरी जनता था

मैं रूसी
वह जार्जियाई
काकेशस अब शवगृह है
लोगों के बीच बेहूदा लड़ाई जारी है
यदि दोस्त मेरा मर गया, मेरी जनता भी मर गई
यदि दोस्त मेरा मारा गया, देश भी मारा गया

अब जोड़ नहीं सकते हम
अपना टूटा हुआ वह देश
हाथ से छूट कर गिर पड़ा है जो
मृतक शरीरों के उस ढेर के बीच
दफ़ना दिया गया है जिन्हें बिना कब्र के ही

मेरा दोस्त कभी मरा नहीं
वह इसलिए दोस्त है
और दोस्त व जनता पर कभी
सलीब खड़ा नहीं किया जा सकता


मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय