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"कहाँ है ओ अनंत के वासी / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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प्रेम शक्ति के तार भले ही मैंने तुझ से बांधे
 
प्रेम शक्ति के तार भले ही मैंने तुझ से बांधे
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रह रह कर उठ रहे विवादी सुर भी उनसे आधे
 
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नयनों के सम्मुख दिखती है मुझको अंध गुफा सी
 
नयनों के सम्मुख दिखती है मुझको अंध गुफा सी

07:40, 2 जून 2009 का अवतरण

कहाँ है ओ अनंत के वासी तू मन मे है फिर भी आँखे है दर्शन की प्यासी

प्रेम शक्ति के तार भले ही मैंने तुझ से बांधे

रह रह कर उठ रहे विवादी सुर भी उनसे आधे

नयनों के सम्मुख दिखती है मुझको अंध गुफा सी