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जब भी तुम अचानक उदास हो / अरमाएस सहाकिआन

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जब भी अचानक उदास हो तुम
उन गीतों और लोगों के बारे में सोचो
जिन्हें तुम प्यार करते हो
मज़ाकों के बारे में, मज़ेदार घटनाओं के बारे में
अपने दोस्तों के बारे में सोचो ।

याद करो कि अच्छाइयाँ अधिक हैं
और उनसे ही बचता है जीवन
याद करो कि नहीं जानते बहुत से लोग
उदास कैसे होना चाहिए
प्रसन्न हो कि तुम्हें मालूम है
कैसी होती है उदासी
अपने छोटे से दुख की
तुलना करो
मानवजाति द्वारा सहन की गई तकलीफ़ों से

चट्टानें ढही हैं मानव के कंधों पर
लेकिन वह जीवित है तब भी
और रहेगा ज़िंदा
याद रखो कि तुम्हें नहीं जीना है क्षुद्र जीवन
और शाश्वत नहीं हुआ करते दुख कभी

जब भी तुम अचानक उदास हो...
पर ऐसा हो ही क्यों
जब पास तुम्हारे बहुत-सी बातें हैं याद करने को ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय