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ढुङ्गा / अभि सुवेदी

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१.
कति पटक
सपना देखेँ
ढुङ्गा नाचेको देखिनँ
 
२.
मैले खेलेको साबलाको ढुङ्गा
मलाई गाउँमा भेटेर
हरन्‌को आवाजले रुन्छ