Last modified on 3 अक्टूबर 2016, at 00:57

तुम कौन हो, मैं हूँ कौन / मरीनो मोरेत्ती

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:57, 3 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= चेज़ारे पावेज़े |अनुवादक=राकेश क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कुछ समय से एक कपटी आवाज़
जो भुलाई नहीं जाती
मेरी आत्मा से एक चुभता हुआ प्रश्न करती है

ओह कैसे, कैसे मैं उत्तर दूँ?
सिर्फ़ तीन ही तो शब्द हैं
तुम कौन हो?

उत्तर !! सलीब को हाथों में थामकर
अपने कष्टों को यादकर
मैं इस आवाज़ को अच्छी तरह से शान्त करना चाहता हूँ

परन्तु जब मैं अपने हृदय में
बहुत ही दुखी आवाज़ को
सुनता हूँ
तो मैं भी अकेले
और काँपते हुए पूछता हूँ

मैं पूछता हूँ
और फिर-फिर पूछता हूँ –
मैं हूँ कौन?

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राकेश कुमार