भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं अंग्रेजी पढ़ गई बालम / हरियाणवी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:14, 14 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं अंग्रेजी पढ़ गई बालम खाना नहीं बनाऊंगी
नहीं चूल्हे पर रखूं देगची आंच ना बारूंगी
पतली फुलकिया पोए न बालम तुझे न खिलाऊंगी
न चक्की पर रखूंगी पसीना कोर ना डालूंगी
गोरमैंट से बात करूंगी तनखाह पाऊंगी
तेरे सा मजूर पलंग बिछावै गद्दा लाऊंगी