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मैं जा रहा हूँ मेरा इन्तेज़ार मत करना / अनवर जलालपुरी

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मैं जा रहा हूँ मेरा इन्तेज़ार मत करना
मेरे लिये कभी भी दिल सोगवार मत करना

मेरी जुदाई तेरे दिल की आज़माइश है
इस आइने को कभी शर्मसार मत करना

फ़क़ीर बन के मिले इस अहद के रावण
मेरे ख़याल की रेखा को पार मत करना

ज़माने वाले बज़ाहिर तो सबके हैं हमदर्द
ज़माने वालों का तुम ऐतबार मत करना

ख़रीद देना खिलौने तमाम बच्चों को
तुम उन पे मेरा आश्कार मत करना

मैं एक रोज़ बहरहाल लौट आऊँगा
तुम उँगुलियों पे मगर दिन शुमार मत करना