रंजिशों में कब इंसा सोगवार रहता है
दिल मोहब्बतों में ही बेक़रार रहता है
लौट कर नहीं आता कब्र से कोई लेकिन
प्यार करने वालों को इंतज़ार रहता है
रंजिशों में कब इंसा सोगवार रहता है
दिल मोहब्बतों में ही बेक़रार रहता है
लौट कर नहीं आता कब्र से कोई लेकिन
प्यार करने वालों को इंतज़ार रहता है