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लोकराज / रेंवतदान चारण

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सींच्यौ रगत खात तन अरपण
पग पग प्रांण किया निछरावळ
फूली पसरी बिरछ बणी तद
आ लोकराज री काची कूंपळ

दीनी ज्यांनै देस भुळावण
भख लेवण लागा वै माळी
बैठा जिणरी मिनख छिंयाड़ी
छांगै उणरी डाळी डाळी
न्हांक निसासां माटी बोली
मिनख हुवै तौ करै रुखाळी
रीसां बळनै कह्यौ मांनखै
मौसा रै मिस मत दै गाळी
बाग बगीचा तरवर ज्यांारा
वै इज तौ चाखैला पळ
सींच्यौ रगत खात तन अरपण
पग पग प्रांण किया निछरावळ
फूली पसरी बिरछ बणी तद
आ लोकराज री काची कूंपळ
बैरी जाया अवर पराया
पग पग ऊभा लेय कवाड़ी
छांगण रै मिस झांपण चावै
बरसां पोखी लूंठी बाड़ी
सावचेत संभाळ राखजै
रुक नीं जावै इणरी नाड़ी
बेल्यां वगत बुलावै थांनै
आंणौ पड़सी ठेठ अगाड़ी
आवै आंधी जड़ां उखेलण
पवन वेग झेलैला जनबळ

सींच्यौ रगत खात तन अरपण
पग पग प्रांण किया निछरावळ
फूली पसरी बिरछ बणी तद
आ लोकराज री काची कूंपळ