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"वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं / अदम गोंडवी" के अवतरणों में अंतर
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वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं | वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं | ||
वे अभागे आस्था विश्वास लेकर क्या करें | वे अभागे आस्था विश्वास लेकर क्या करें | ||
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लोकरंजन हो जहां शम्बूक-वध की आड़ में | लोकरंजन हो जहां शम्बूक-वध की आड़ में | ||
उस व्यवस्था का घृणित इतिहास लेकर क्या करें | उस व्यवस्था का घृणित इतिहास लेकर क्या करें | ||
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कितना प्रतिगामी रहा भोगे हुए क्षण का इतिहास | कितना प्रतिगामी रहा भोगे हुए क्षण का इतिहास | ||
त्रासदी, कुंठा, घुटन, संत्रास लेकर क्या करें | त्रासदी, कुंठा, घुटन, संत्रास लेकर क्या करें | ||
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बुद्धिजीवी के यहाँ सूखे का मतलब और है | बुद्धिजीवी के यहाँ सूखे का मतलब और है | ||
ठूंठ में भी सेक्स का एहसास लेकर क्या करें | ठूंठ में भी सेक्स का एहसास लेकर क्या करें | ||
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गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे | गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे | ||
पारलौकिक प्यार का मधुमास लेकर क्या करें | पारलौकिक प्यार का मधुमास लेकर क्या करें | ||
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22:20, 3 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं
वे अभागे आस्था विश्वास लेकर क्या करें
लोकरंजन हो जहां शम्बूक-वध की आड़ में
उस व्यवस्था का घृणित इतिहास लेकर क्या करें
कितना प्रतिगामी रहा भोगे हुए क्षण का इतिहास
त्रासदी, कुंठा, घुटन, संत्रास लेकर क्या करें
बुद्धिजीवी के यहाँ सूखे का मतलब और है
ठूंठ में भी सेक्स का एहसास लेकर क्या करें
गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे
पारलौकिक प्यार का मधुमास लेकर क्या करें