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"वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है / अदम गोंडवी" के अवतरणों में अंतर
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रोटी कितनी महँगी है ये वो औरत बताएगी | रोटी कितनी महँगी है ये वो औरत बताएगी | ||
जिसने जिस्म गिरवी रख के ये क़ीमत चुकाई है | जिसने जिस्म गिरवी रख के ये क़ीमत चुकाई है | ||
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22:20, 3 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है
उसी के दम से रौनक आपके बंगले में आई है
इधर एक दिन की आमदनी का औसत है चवन्नी का
उधर लाखों में गांधी जी के चेलों की कमाई है
कोई भी सिरफिरा धमका के जब चाहे जिना कर ले
हमारा मुल्क इस माने में बुधुआ की लुगाई है
रोटी कितनी महँगी है ये वो औरत बताएगी
जिसने जिस्म गिरवी रख के ये क़ीमत चुकाई है