खिलता है गुलाब
मुरझाता है
खिलता है गुलाब
सूख जाता है निष्प्राण
लेकिन
ख़ुशबू उसकी भर जाती है
कारागार में
और गुस्सा जगाती है क़ैदियों का
खिलता है गुलाब
मुरझाता है
खिलता है गुलाब
सूख जाता है निष्प्राण
लेकिन
ख़ुशबू उसकी भर जाती है
कारागार में
और गुस्सा जगाती है क़ैदियों का