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है पास दिल के यूँ ख़ास आँखे / आकिब जावेद

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है पास दिल के यूँ ख़ास आँखे
यूँ रहती है आस-पास आँखे

छुपा लिया उसने दर्द अपना
थी सुर्ख़ उसकी बिंदास आँखे

छुपा हुआ कुछ नज़र न आया
था पहने वो भी लिबास आँखे

न पास आया वो दूर जा कर
बिछड़ के उससे इयास आँखे

न दूर जाना यूँ छोड़कर तुम
करेगी ये इल्तिमास आँखे


इयास-नाउम्मीदी