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किणरै माथै पाग / नवनीत पाण्डे

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किणरै माथै पाग
किणरै आंख पाणी
किणरै होठां सांच
किणरै हिए है ताणी
एक सूं आगै एक
माथै पागां अनेक
कठै है सांची बळ्त
किण में सांचो रगत
कुणरै कन्नै मारग
कुण साधै’ला कारज
कीं तो कथ ए आस!
कुण आपांरो खास??