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काला राक्षस-11 / तुषार धवल

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सबके बिस्तर बंधे हुए

सभी पेड़ जड़ से उखडे हुए

सड़क किनारे कहीं जाने को खड़े हैं

यह इंतज़ार ख़त्म नहीं होता

भीड़ यह इतनी बिखरी हुई कभी नहीं थी


काला सम्मोहन काला जादू

सत्ताओं को नचाता

उसका अट्टहास।

काली पॉलीथिन में बंद आकाश।