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छूना ही पाना है / बोधिसत्व
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छूना ही पाना है
नाम लिखना ही पुकारना
याद करना ही मिलना है
दुराव ही घात है
भूलना ही मृत्यु है
अस्वीकार ही स्वतन्त्रता है
हाँ ही एक आकार होना है
सोचना ही जागना है
चुप रहना ही चुक जाना है
सहना ही मिटना है
निकलना ही चले जाना है
गुनना ही गाना है
छूना ही पाना है।