भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात / ओम प्रकाश नदीम

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:10, 28 नवम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम प्रकाश नदीम |अनुवादक= |संग्रह= }} ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात ।
कुछ तो हद है आख़िर कब तक होगी ये बरसात ।

प्यार-मोहब्बत, इश्क़-ओ-वफ़ा के इंसानी जज़्बात,
मुफ़्त मिले हैं हमको, हम भी बाँटेंगे ख़ैरात ।

सूरज को गन्दा करने का देख रहे हैं ख़्वाब,
आँधी के झोंके में ज़र्रे भूल गए औक़ात ।

कुछ अंगारे इसने डाले कुछ डाले उसने,
मुझको जला कर सेंक रहे हैं दोनों अपने हाथ ।

इस दुनिया में मैनें देखी हैं दो दुनियाएँ,
इक दुनिया में दिन होता है इक दुनिया में रात ।