भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

'सौदा' से ये कहा मैं कुछ ज़िक्र कर किसी का / सौदा

Kavita Kosh से
अजय यादव (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:58, 13 नवम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सौदा }} <poem> 'सौदा' से ये कहा मैं कुछ ज़िक्र कर किसी क…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

'सौदा' से ये कहा मैं कुछ ज़िक्र कर किसी का
ख़ामोशी ने तो तेरी आलम को जी लिया है
बोला: बयान सुनकर किसका ख़ुशी हो तुझको
इस ग़मकदे में आकर दिल किनने ख़ुश किया है