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अँधेरे में एक आवाज़ / विमलेश त्रिपाठी

अँध्ेरे में एक आवाज है
अँध्ेरे को
रह-रह कर बेध्ती
अँध्ेरे में तुम हो
अँध्ेरे से लड़ती
तुम्हारे होने को
झंकझोरता हुआ बार-बार
मैं हूँ अँध्ेरे में
हम सभी हैं
अँध्ेरे में
और अँध्ेरे में
अँध्ेरा है
एक आवाज के साथ