भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अंगना में पोखरि खुनायल / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:45, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अंगना में पोखरि खुनायल
छठि मइया अयतन आइ
दुअरा पर तमुआ तनायल
छठि मइया अयतन आइ
अँचरा सऽ गलिया बहारब
छठि मइया अयतन आइ
केरबा के आनब डाला भरि
तै पर पियरी ओढ़ायब
छठि मइया अयतन आइ
हथिया पर कलशा बैसायब
तै पर दीया जगमगाय
छठि मइया अयतन आइ