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अंगपूत महान हो / ब्रह्मदेव कुमार

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अंगिका पढ़ाई केरोॅ, भेलै विधान हो।
धन्य-धन्य रामाश्रय बाबू, अंगपूत महान् हो॥

अम्बेदकर विचारधारा, खुललै बायोटेक्नोलाॅजी
बीबीए, बीसीए आरो, प्रयोजनमूलक हिन्दी।
तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भेलै शौर्यवान हो॥
धन्य-धन्य
भूमि अतिक्रमण हटैलकै, सौन्दर्यीकरण करैलकै
शिक्षा-सत्र और परीक्षा, सब्भे नियमित करैलकै।
‘डेªस कोड’ तहलका मचैलकै, सगरे जहान हो॥
धन्य-धन्य

अन्याय-अनीति नै सहै, करै सिंहनाद हो
लौहपुरूष केरोॅ शक्ति, संकल्प फौलाद हो।
कैट, बैट, मैट चलाय केॅ, फूँकी देलकै जान हो।
धन्य-धन्य

बजरंगबली केरोॅ पुजारी, व्रत राखै मंगलवारी
भावुक जुनूनी कर्मठ, बाल-सुलभ कौतुकचारी।
सिरडी के साईबाबा के, दर्शन-गुणगान हो॥
धन्य-धन्य

वेदव्यास जैन्हों ज्ञानी, अर्जुन केरोॅ वीरता
दयावान गाँधी ऐन्हों, कर्ण के उद्यरता।
गुरू द्रोणाचार्य जैन्हों, युगशिल्पी विद्वान हो॥
धन्य-धन्य