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अंगिका फेकड़ा / भाग - 3

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निनियाँ पुर सें निनिया ऐलौ
नानी यहाँ सें गेनरा ऐलौ।


नूनू माय, हे नूनू माय
नूनू कथी लेॅ कानै छौं
अंगिया लेॅ की टोपिया लेॅ
दादा-दादी हज्जर लेॅ
पितिया महज्जर लेॅ
चाकू रे चन्न बीजू रे वन्न
खोपोॅ बीकै छोॅ-छोॅ मन्न।


की खैबे रे बनरा?
दाल-भात खैबौ गे दीदी।
केना सुतवे रे बनरा?
कोला में सुतवौ गे दीदी।
पाप लिखतौ रे बनरा
गंगा नहैवे गे दीदी।
सरदी होतौ रे बनरा
हरदी फाँकवोॅ गे दीदी।
खोखी होतौ रे बनरा
खोख-मल्ला पिन्हबोॅ गे दीदी।


रे नूनू कथी के
अचन-पचन बेलना के
माय-बाप ससन्ना के
दादा-दादी हज्जर के
पितिया महज्जर के
हम्में खेलौनिया जाफर के
फूफू तेॅ छेकी गुल्लर के।


ताय पूड़ी ताय
के-के पकाय
नूनू पकाय
नूनुहैं खाय।


नूनू के माय आवोॅ-आवोॅ
भरी कंटरी खीर बनावोॅ
आपने लेल्हेॅ थार भरी
नूनू के देल्हौ कटोरा भरी
वही लेॅ नूनू रूसल जाय
बापे-पितियें मिली बौसल जाय
बापें बौसल हाथी-घोड़ा
पितियें बौंसल दूध कटोरा।