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अंगिका फेकड़ा / भाग - 5

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लुक्खी बनरिया दाल-भात खो
सैंया बोलैलकौ पटना जो।


सुनरी जैती धरमपुर हाट
माय लेॅ साड़ी, बहिनी लेॅ चोली
पीसी लेॅ रतनारी साड़ी
वियोग मरेॅ नूनू के चाची
रहोॅ-रहोॅ चाची, धीरज बान्होॅ छाती
तोहरा देभौं चाची गुड़ोॅ के चक्की।


हा हुस रे सुगना।
तोहरा मचान पर के छौ?
भैया छै, भौजी छै।
की करै छौ?
कोठी पारी बैठली छै।
भैया मारै भौजी केॅ
भौजी रूसल जाय छै
घुरोॅ हे भौजी घुरोॅ-घुरोॅॅ
पहिनोॅ लुंगा नया पटोर
तोरोॅ भैया बड़ा कठोर।


चान मामू, चान मामू कचिया दे
कचिया कुटबाय लेॅ।
सेहो कचिया कथी लेॅ?
घसवा गढ़ावै लेॅ।
सेहो घसवा कथी लेॅ?
बैलवा खिलावै लेॅ।
सेहो गोबर कथी लेॅ?
ऐंगना निपावै लेॅ।
सेहो ऐंगनां कथी लेॅ?
गेहूँमा सुखावै लेॅ।
सेहो गेहुमा कथी लेॅ?
पुड़िया छकावै लेॅ।
सेहो पुड़िया कथी लेॅ?
नूनू केॅ जिम्हावै लेॅ।


बाबू हो भैया हो
सुगां फोकै छौं धान हो
केॅ मोॅन?
बीस मोॅन।
बीसू राय के बेटवा
लाला पगड़िया मथवा
भैया ऐलै घोड़ी पर
भौजी ऐलै खड़खड़िया पर
टुन-टुनमा ऐलै छितनी पर
भैया केॅ देलियै लोटबे पानी
भौजी केॅ देलियै कटोरबे पानी
टुनटुनमा केॅ देलियै चुकुड़बे पानी
भैया सुतलै सीरा घोॅर
भौजी सुतलै भनसा घोॅर
टुनटुनमा सुतलै चुलही पिछुआड़।