मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अंगुरी मे डसलक नगिनियां हो रामा
के मोरा जायत बैद बजायत, के मोरा हरत दरदिया हो रामा
के मोरा जायत पलंगा ओछायत, के मोरा पिया के बजायत हो रामा
बाबा मोरा जायत बैद बजायत, अम्मा मोरा हरत दरदिया हो रामा
ननदि मोरा जायत पलंगा ओछायत, दिओर पिया के बजायत हो रामा
देबउ रे कागा दही चूड़ा भोजन, हमरो समाद नेने जाह हो रामा
तोहरो बलमुजी के चीन्हियौ ने जानियौ, कोना समाद नेने जाय हो रामा
हमरो बलमुजी के मुठी एक डाँर छनि, दुअरे चनन केर गछिया हो रामा