भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अंग गीत / राजकुमार

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:43, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजकुमार |अनुवादक= |संग्रह=टेसू क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बलि जी रोॅ बड़ोॅ बेटा, अंग रोॅ ऐंगनमां, सुन्दर लागै
अंगधातृ रोॅ नयनमां, सुन्दर लागै

प्रलय-सृजन-साखी, याँहीं छै, गरुड़ पाखी
आँखीं में जोगैनें राखी, प्रभु के चरणमां, सुन्दर लागै
अंगधातृ रोॅ नयनमां, सुन्दर लागै

शिव रोॅ उमंग अंग, काम छै भेलोॅ अनंग
रति-गति छै विहंग, ओढ़ी केॅ गगनमां, सुन्दर लागै
अंगघातृ रोॅ रोॅ नयनमां, सुन्दर लागै

कौशिकी-गंगा रोॅ पानी, अंग रोॅ अमर वाणी
जह्नु कहोल ऋषि शंृगी के सपनमां, सुन्दर लागै
अंगधातृ रोॅ नयनमां, सुन्दर लागै

जित्तोॅ बिहुला रोॅ गाथा, विक्रमशिला छै त्राता
बासुकी-मंदार धीर-वीर रोॅ गहनमां, सुन्र लागै
अंगधातृ रोॅ नयनमां, सुन्दर लागै