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"अंतरगति का चित्र / एहतराम इस्लाम" के अवतरणों में अंतर

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अनपढ़ को जिस ओर कहोगे जाएगा  
 
अनपढ़ को जिस ओर कहोगे जाएगा  
सभी सुशिक्षित को बहका दो कागज़ पर   
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सभ्य सुशिक्षित को बहका दो कागज़ पर   
 
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19:38, 8 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण


अंतरगति का चित्र बना दो कागज़ पर
मकड़ी के जाले तनवा दो कागज़ पर

गुमराही का नर्क न लादो कागज़ पर
लेखक हो तो स्वप्न सज़ा दो कागज़ पर

युक्ति करो अपना मन ठण्ढा करने की
शोलों के बाजार लगा दो कागज़ पर

होटल में नंगे जिस्मों को प्यार करो
बे शर्मी का नाम मिटा दो कागज़ पर

कोई तो साधन हो जी खुश रहने का
धरती को आकाशा बना दो कागज़ पर

यादों की तस्वीर बनाने बैठे हो
आंसू की बूँदें टपका दो कागज़ पर

अनपढ़ को जिस ओर कहोगे जाएगा
सभ्य सुशिक्षित को बहका दो कागज़ पर