Last modified on 14 सितम्बर 2020, at 22:32

अंतराल / सुरेश विमल

बूंद बूंद से गागर
भरती होगी
लोगों की
अपनी तो सदा
खाली ही नज़र आती है...

दरअसल
इतना लम्बा है यहाँ
बूंदों का अंतराल
कि जब तक
दूसरी आये
पहली दम तोड़ देती है...!