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अंतस रा राज / गंगासागर शर्मा

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समंध-सगपण री गरमास में
जद-कद खोल नाखूं
अंतस रा राज
पण जद
वैं बातां
बण जावै अखबार
आखै गांव सारू
तो काळजै जागै कसक।
राज बतावणो
म्हारी भावुकता है
कै मजबूरी?